इस भजन के माध्यम से भक्त अपने प्रिय भगवान श्रीकृष्ण से संवाद करते हुए अपनी गहरी भक्ति और प्रेम को अभिव्यक्त कर रहे हैं। वे अपने आराध्य से मिलन की आकांक्षा रखते हैं, जहाँ उनके प्रेम की बरसात में सबकुछ मिट जाता है और सिर्फ कृष्ण का ही अस्तित्व रह जाता है। यह भजन भक्ति, समर्पण और दया की भावना से ओत-प्रोत है, जहाँ भक्त अपने भगवान को अपना सबकुछ मानता है और उनके कृपा पर जीवन जीने का आभार व्यक्त करता है।
Singer: Chitra Vichitra Ji Maharaj
Video Name: जी रहा हूँ कृपा पे तेरी सांवरे
Copyright: Vraj Bhav Satsang
आएँगी मिलन की वो राते, एक तू जाने या मैं जानू,
तेरे प्रेम की अश्को की बरसाते, एक तू जाने या मैं जानू,
वो रूप के रंग के नजतो पे,एक तू जाने या मैं जानू।
जहा तूम हो वहा चांदनी कौन पूछेगा, तेरा दर हो तो जन्नत की गली को कौन पूछेगा,
फरिस्तो को न बतलाना तुम राहे गुजर अपनी, वर्ना गुनाहगारो को इस दर पर कौन पूछेगा।
तू हैं मेरा मैं तेरा ही हु सांवरे, जी रहा हु कृपा पे तेरी सांवरे,
मिल गई हर खुशी, मिट गए सारे गम,
बात बिगड़ी बनाई मेरी सांवरे, तू है मेरा मै तेरा ही हूं सांवरे,
जी रहा हु कृपा पे तेरी सांवरे....
दो जहा का तू मालिक दयावान हैं, अपने भक्तो पे तू तो मेहरबान हैं,
तू ही साहिल तू ही कश्ती मेरी सांवरे, जी रहा हु कृपा पे मेरे सांवरे,
तू हैं मेरा मैं तेरा ही हु सावरे, जी रहा हु कृपा पे तेरी सांवरे....
नंदलाल गोपाल दया कर दे, रख चाकर अपने घर मुझे,
धन दौलत की चाह नहीं, प्रभु दे दो अपना प्यार मुझे,
तेरे प्यार में इतना खो जाऊ, पागल समझे संसार मुझे,
जब दिल अपने में झाकू मैं, हो जाए तेरा दीदार मुझे....
तुमसे मिलने की चाहत इस दिल में लगी, बताओ की परदे में कब तक छिपोगे,
तुम्हे रिख से पर्दा हटाना पड़ेगा, मुबारक रहे तुमको मेरी मोह्हबत,
तुम्हे सामने मेरे आना पड़ेगा, मुझे गम नहीं अपनी बरबादियो को,
मिटाना हैं तो शौख से तू मिटा दे, मिटने से पहले मगर सोच लेना,
मिटाकर तुम्हियो को बनाना पड़ेगा, तुमसे मिलने की चाहत इस दिल में जगी,
प्यास दर्शन की मेरे इस मन में लगी, मान लो अब तो मेरी अर्जी मेरी सांवरे
जी रहा हु कृपा पे तेरी सांवरे....
Video Name: जी रहा हूँ कृपा पे तेरी सांवरे
Copyright: Vraj Bhav Satsang
Jee Raha Hoon Kripa Pe Teri Saware Hindi Likhit Lyrics
नंदलाल तेरी मेरी बाते, एक तू जाने या मैं जानू,आएँगी मिलन की वो राते, एक तू जाने या मैं जानू,
तेरे प्रेम की अश्को की बरसाते, एक तू जाने या मैं जानू,
वो रूप के रंग के नजतो पे,एक तू जाने या मैं जानू।
जहा तूम हो वहा चांदनी कौन पूछेगा, तेरा दर हो तो जन्नत की गली को कौन पूछेगा,
फरिस्तो को न बतलाना तुम राहे गुजर अपनी, वर्ना गुनाहगारो को इस दर पर कौन पूछेगा।
तू हैं मेरा मैं तेरा ही हु सांवरे, जी रहा हु कृपा पे तेरी सांवरे,
मिल गई हर खुशी, मिट गए सारे गम,
बात बिगड़ी बनाई मेरी सांवरे, तू है मेरा मै तेरा ही हूं सांवरे,
जी रहा हु कृपा पे तेरी सांवरे....
दो जहा का तू मालिक दयावान हैं, अपने भक्तो पे तू तो मेहरबान हैं,
तू ही साहिल तू ही कश्ती मेरी सांवरे, जी रहा हु कृपा पे मेरे सांवरे,
तू हैं मेरा मैं तेरा ही हु सावरे, जी रहा हु कृपा पे तेरी सांवरे....
नंदलाल गोपाल दया कर दे, रख चाकर अपने घर मुझे,
धन दौलत की चाह नहीं, प्रभु दे दो अपना प्यार मुझे,
तेरे प्यार में इतना खो जाऊ, पागल समझे संसार मुझे,
जब दिल अपने में झाकू मैं, हो जाए तेरा दीदार मुझे....
तुमसे मिलने की चाहत इस दिल में लगी, बताओ की परदे में कब तक छिपोगे,
तुम्हे रिख से पर्दा हटाना पड़ेगा, मुबारक रहे तुमको मेरी मोह्हबत,
तुम्हे सामने मेरे आना पड़ेगा, मुझे गम नहीं अपनी बरबादियो को,
मिटाना हैं तो शौख से तू मिटा दे, मिटने से पहले मगर सोच लेना,
मिटाकर तुम्हियो को बनाना पड़ेगा, तुमसे मिलने की चाहत इस दिल में जगी,
प्यास दर्शन की मेरे इस मन में लगी, मान लो अब तो मेरी अर्जी मेरी सांवरे
जी रहा हु कृपा पे तेरी सांवरे....
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