भगवान गणेश की आरती उनके प्रभावशाली और प्रिय भक्तों के द्वारा गाई जाने वाली पूजनीय स्तुति है। इस आरती का पाठ करना भक्तों को दिव्य और शांति भरे अनुभव में ले जाता है और उन्हें गणेश जी के सानिध्य से जोड़ने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस आरती के शब्द और सुरों का संगम एक आध्यात्मिक अनुभव का सृजन करता है, जिससे भक्त गणेश जी के प्रति अपनी श्रद्धाभावना को व्यक्त करते हैं और उनकी कृपा को आत्मसात करते हैं। गणेश जी की आरती हिंदी में जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती प
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