Shani Dev Aarti lyrics are traditionally sung by devotees to honor and seek the blessings of Lord Shani Dev, who is believed to be a benevolent deity for those who worship him with devotion. The aarti is sung in praise of Shani Dev, who is one of the Navagrahas (nine planets) in Hindu astrology. Shani Dev is known to be the god of justice and retribution, delivering results based on one's deeds.
Lyrics: Traditional
Composition: Traditional
Bhagwan Shani Dev Aarti MP3 Lyrics Text
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव...
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी। नीलाम्बरधारी नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव...
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी। मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव...
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी। लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव...
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी। विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी। सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥