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[जय अम्बे गौरी] Durga Maa Ki Aarti Lyrics | Aarti Sangrah

दुर्गा माँ, हिन्दू धर्म की प्रमुख देवी, शक्ति की प्रतीक हैं। वह नैराश्य, साहस, और महिलाशक्ति का प्रतीक हैं। उनके अनेक हाथों में हर तरह की शस्त्र होते हैं, जो बुराई को समाप्त करने के लिए हैं। वह सौंदर्य और शौर्य का प्रतीक है, जो अपने भक्तों को सभी प्रकार के परिप्रेक्ष्य से बचाने के लिए तैयार हैं। AI Generated Maa Durga Images दुर्गा माँ आरती लिरिक्स - भक्ति गीतों के शब्द जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी। ॐ जय अम्बे गौरी… मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को, उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥ ॐ जय अम्बे गौरी… कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै, रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥ ॐ जय अम्बे गौरी… केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी, सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥ ॐ जय अम्बे गौरी… कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती, कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥ ॐ जय अम्बे गौरी… शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती, धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥ ॐ जय अम्बे गौरी… चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे, मधु-कै...