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पवित्र हनुमान आरती लिरिक्स | Aarti Kije Hanuman Lala Ki

आरती कीजै हनुमान लला की: श्रद्धांजलि भवभूति और सुकून आपको एक आध्यात्मिक सफर पर ले जाएं 'आरती कीजै हनुमान लला की' के साथ - श्रद्धांजलि भवभूति और सुकून के लिए। इस भक्तिमय योगदान से हनुमान जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, आप आध्यात्मिक संबंध में श्रद्धा, शांति, और दैहिक जुड़ाव की भावना को जागृत करें। इस भक्ति के तालमेल में आपको श्रद्धा के रूपी संगीत में सुकून की अनुभूति होगी।  हनुमान जी की आरती  आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की। आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके। अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।। आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुधि लाए। लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई। आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे। लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे। आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। पैठी पाताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखार...